Hello World
क्या है ना,
ज़िन्दगी के पन्ने कितना भी समेट लो,
तेज हवा का झोंका चलते रहता है।
धन्य है इंसान जैसे जीव का,
जो अपने आखिरी दम तक पन्ने समेटता रहता है।
यह जानते हुए, की हवा का झोंका और तेज होना है।
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